गुरुवार, 25 दिसंबर 2014

Yadav MLA elected in Jharkhand Assembly Election 2014 झारखण्ड राज्य विधानसभा चुनाव 2014 में निर्वाचित यादव विधायक

झारखण्ड राज्य विधानसभा चुनाव 2014 में निर्वाचित यादव विधायक 

1. श्री प्रदीप यादव - पौरेयाहाट विधानसभा, गोड्डा जिला, झारखण्ड विकास मोर्चा
2. श्री जानकी प्रसाद यादव - बरकठा विधानसभा, हजारीबाग जिला, झारखण्ड विकास मोर्चा
3. श्री मनोज कुमार यादव - बरही विधानसभा, हजारीबाग जिला, कांग्रेस
4. डॉ. नीरा यादव - कोडरमा विधानसभा, कोडरमा जिला, बीजेपी
5. श्री राजकुमार यादव - धनवार विधानसभा, गिरिडीह जिला, सीपीआई (माले)
6. श्री रवीन्द्रनाथ महतो - नाला विधानसभा, जामतारा जिला, झारखण्ड मुक्ति मोर्चा

दुसरे स्थान पर रहे प्रमुख यादव प्रत्याशी
1. श्री संजय प्रसाद यादव - गोड्डा विधानसभा, राजद 
2. श्रीमती अन्नपूर्णा देवी - कोडरमा विधानसभा, राजद 
3. श्री अमित कुमार यादव - बरकठा विधानसभा, भाजपा 
4. श्री उमाशंकर अकेला - बरही विधानसभा, भाजपा

अन्य प्रमुख यादव उम्मीदवार
1. श्री संजय प्रसाद यादव - हुसैनाबाद विधानसभा, गढ़वा जिला, राजद, प्राप्त मत -22890
2. श्री केदार प्रसाद यादव - भवनाथपुर विधानसभा, सपा, प्राप्त मत - 20546
3. शिवपूजन यादव - विश्रामपुर विधानसभा, सपा, प्राप्त मत - 10715
4. श्री बजरंगी प्रसाद यादव- राजमहल विधानसभा, निर्दलीय, प्राप्त मत - 18866
5. श्री मन्टू कुमार यादव - बोकारो विधानसभा, झामुमो, प्राप्त मत - 13922
6. श्री अवधेश सिंह यादव - बोकारो विधानसभा, राजद, प्राप्त मत - 6167
7. श्री राजेंद्र प्रसाद यादव - बोकारो विधानसभा, सीपीआई, प्राप्त मत - 2524
8. श्री राजेश कुमार -  गांडेय विधानसभा, सीपीआई माले , प्राप्त मत - 11202
9. श्री छोटेलाल प्रसाद - बगोदर विधानसभा, झामुमो, प्राप्त मत - 7222
10. श्री योगेन्द्र यादव - झरिया विधानसभा, झाविमो, प्राप्त मत - 9908
11. श्री जवाहर लाल यादव - महागामा विधानसभा, बसपा, प्राप्त मत - 8806

मंगलवार, 2 सितंबर 2014

Yadav Chief Ministers, Ministers and MLAs in different States विभिन्न राज्यों में वर्तमान यादव मुख्यमंत्री एवं मंत्री



विभिन्न राज्यों में वर्तमान यादव मुख्यमंत्री एवं मंत्री
मुख्यमंत्री उत्तरप्रदेश
  1. श्री अखिलेश यादव – समाजवादी पार्टी
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मुख्यमंत्री कर्णाटक
  1. श्री एस. सिद्दारमैया - कांग्रेस
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उत्तरप्रदेश में यादव मंत्री
कैबिनेट मंत्री
  1. श्री शिवपाल सिंह यादव (सपा) – पी. डब्लू. डी., जल संसाधन, सिंचाई विभाग
  2. श्री अम्बिका चौधरी (सपा) – पिछड़ा वर्ग कल्याण, विकलांग कल्याण विभाग
  3. श्री बलराम यादव (सपा)– जेल मंत्री
  4. श्री पारसनाथ यादव (सपा) - खाद्य प्रसंस्करण एवं बागवानी विभाग
  5. श्री दुर्गा प्रसाद यादव (सपा) – परिवहन
राज्य मंत्री
  1. श्री नरेन्द्र सिंह यादव (सपा) – होम गार्ड विभाग
  2. श्री शिवप्रताप यादव (सपा) – पशु पार्क
  3. श्री अरविन्द गोप (सपा) – ग्रामीण विकास


बिहार में यादव मंत्री
कैबिनेट मंत्री
1. श्री तेजस्वी यादव (राजद) - उपमुख्यमंत्री, पथ निर्माण, पिछड़ा कल्याण
2. श्री तेज प्रताप यादव - स्वास्थ्य विभाग
3. श्री चन्द्रिका राय - परिवहन
4. श्री रामविचार राय - कृषि
5. प्रो चंद्रशेखर - आपदा प्रबंधन
6. विजय प्रकाश - श्रम
7. श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव (जदयू) – ऊर्जा
मध्यप्रदेश में यादव मंत्री
  1. श्री बाबूलाल गौर (भाजपा) – गृह एवं जेल
       http://mpinfo.org/MPinfoStatic/English/council/images/large_view/babulal_gaur.jpg

झारखण्ड में यादव मंत्री
  1. श्रीमति डॉ नीरा यादव (भाजपा) – शिक्षा मंत्री

   
  
   

हरियाणा में यादव मंत्री
  1. राव नरबीर सिंह(बीजेपी) - लोक निर्माण (भवन और सड़कें) (कैबिनेट मंत्री )




2. बिक्रम सिंह ठेकेदार (बीजेपी) - सहकारिता (राज्य मंत्री - स्वतंत्र प्रभार) तथा पंचायती विकास (राज्य 
मंत्री)

                             

आन्ध्रप्रदेश में यादव मंत्री
  1. श्री यानामाला रामकृष्नुडू (तेदेपा) – वित्त व योजना, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य
  
   http://t2.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRGajahJKykIAOjZ5ecdCVJlC3j7BtzRZmfHpUD-2uzn6YogL1_uw


तेलंगाना में यादव मंत्री 
1. श्री तलासनी श्री निवास यादव (टीआरएस) - 1994, 1999, 2008 (उपचुनाव) एवं 2014 में विधायक बने | मई 2014 में तेदेपा के टिकट पर विधायक बने, परन्तु दिसम्बर 2014 में तेदेपा छोड़कर टीआरएस में शामिल हो गए और पर्यटन मंत्री बनाये गए |

                                
तमिलनाडू में यादव मंत्री
  1. श्रीमति गोकुल इंदिरा एस. (अद्रमुक)– पर्यटन

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महाराष्ट्र में यादव मंत्री 
1. बबनराव दात्तारय यादव लोनिकर - स्वच्छता एवं जल आपूर्ति मंत्री




विभिन्न राज्यों में यादव विधायक

प० बंगाल (विधानसभा 2011 - 2016)

1. रविन्द्र नाथ घोष - माताबारी विधानसभा (कूचविहार) - टी एम् सी
2. समर घोष - करीमपुर (नदिया) - सीपीएम
3. निर्मल घोष - पानिहाटी (उत्तर 24 परगना) - टी एम् सी
4. रतीन घोष - मध्यमग्राम (उत्तर 24 परगना) -टी एम् सी

           असम विधानसभा
           1. राजदीप ग्वाला   - लखिपुर (कछार) - कांग्रेस
           2. मणिलाल ग्वाला - पत्थर कांडी (सिलचर) - कांग्रेस
       
           पांडिचेरी विधानसभा 
          1. लक्ष्मी नारायण यादव - राजभवन
          2. खिरनी जय कुमार यादव - मंगलम
          3. अशोक आन्नद               - फत्तम चावडी

          तमिलनाडु विधानसभा 
          1. पी गणेशन        - उथिर मेरुर (कांचीपुरम) - अद्रमुक
          2. पार्थ सारथि      -  विरुगंवाक्कम (चेन्नई) - द्रमुक
          3. के आर पेरियाकप्पन - तिरुथापुर (शिवगंगा) - द्रमुक
          4. गोकुल इंदिरा एस. - अन्नानगर (चेन्नई) - अद्रमुक


         केरल विधानसभा
        1. पी वी राजेश  - कलियाशेरी (कन्नूर) - सीपीएम
        2. के कन्ही रमण - उद्दमा (कासरगोड)  - सीपीएम



बुधवार, 27 अगस्त 2014

Yadav Empire - Odeyar dynasty of Mysore यादव साम्राज्य - मैसूर का वाडियर (ओडेयर) राजवंश


यादव साम्राज्य - मैसूर का वाडियर (ओडेयर) राजवंश

वाडियर (ओडेयर) राजवंश
वाडियर राजवंश दक्षिण भारत का एक प्रमुख हिन्दू राजवंश था जिसने 1399 से 1947 तक मैसूर प्रान्त पर राज किया | इस राजवंश की स्थापना दो वीर यादव भाइयों विजय एवं  कृष्ण द्वारा 11 मई 1399 ई० में किया गया था | ब्रिटिश शासन के दौरान यह ब्रिटिश शासन के अधीन एक रियासत था, जिन्हें 21 बन्दुक की सलामी की पदवी प्राप्त थी | वाडियर राजा अपने प्रशासनिक कौशल, दूरदृष्टि एवं सामाजिक न्याय के लिए प्रसिद्ध थे | वाडियर राजाओं ने कला, चित्रकारी, संगीत, संस्कृति एवं साहित्य को भरपूर संरक्षण दिया | वाडियर राजाओं के शासन के समय मैसूर, कर्णाटक में संस्कृति एवं कला का केंद्र बन गया था |


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मैसूर का राजमहल
जनश्रुतियों के अनुसार, यदु वंश के दो राजकुमार विजय और कृष्ण, द्वारका (गुजरात) से मैसूर के मेलकोट गाँव में चामुण्डी मंदिर के दर्शन के लिए आये थे | एक रात माँ देवी चामुंडेश्वरी यादव राजकुमार विजय के सपने में आई और उन्हें निर्देश दिया की वो दोनों भाई तत्काल हदिनादु जाये, जहाँ करुगाहल्ली के शासक, मरानायक द्वारा वहां की विधवा राजमाता चिक्कादेवारासम्मान्नी एवं उसकी पुत्री देवाजम्मन्नी को सताया जा रहा है | वहां पहुंचकर दोनों राजकुमार एक विशाल झील दोद्दकेरे के तट पर स्थित कोडी भैरोश्वर मंदिर में रुके | जहाँ तत्कालीन छोटे से मैसूर शहर के लोग पीने एवं अन्य दैनिक कार्यों के लिए जल लेने आते थे | एक दिन सुबह में कुछ महिलाएं वहां पर अपने कपडे धोने के दौरान मैसूर राजपरिवार की नवयुवती राजकुमारी देवाजम्मन्नी एवं उसकी विधवा माँ की दयनीय स्थिति के बारे में चर्चा कर रही थी | मैसूर की राजकुमारी के पिता, चामराजा के अकस्मात निधन के पश्चात् उत्पन्न विषम परिस्थितियों का लाभ उठाते हुए पड़ोस के राज्य करुगाहल्ली के शासक, मरानायक ने विधवा राजमाता चिक्कादेवारासम्मान्नी को धमकी दिया की वह स्वेच्छा से अपना राज्य उसे सौंप दे तथा राजकुमारी देवाजम्मन्नी का विवाह उससे कर दे, अन्यथा वह उसे बलपूर्वक हासिल कर लेगा | इन बातों को दोनों राजकुमारों ने सुन लिया तथा उन्हें उनके विपदा से मुक्त कराने का संकल्प लिया |
जंगमा ओडेया नामक शैवायत साधु की मदद से, दोनों क्षत्रिय भाई दुखी महारानी एवं राजकुमारी के पास पहुचें और उन्हें उनके दुखों से उबारने का वचन दिया | उन दोनों वीर भाइयों ने पहले सेना के एक छोटी सी टुकड़ी को जमा किया, फिर राजमाता के माध्यम से मरानायक को सन्देश भिजवा दिया की राजकुमारी उससे विवाह करने के लिए राजी है | नियत समय पर पडोसी राज्य करुगाहल्ली का शासक, मरानायक बारात लेकर मैसूर प्रान्त की राजधानी हदिनादु के लिए प्रस्थान किया | राजकुमार विजय और कृष्ण वेश बदलकर मरानायक के बारात जुलुस में घुस गए | वीर राजकुमार विजय ने मरानायक के शिविर में घुसकर मरानायक का वध कर दिया तथा उसके अनुज कृष्ण ने करुगाहल्ली पर आक्रमण कर उसे अपने अधीन कर लिया | इसप्रकार दोनों वीर भाइयों ने मैसूर राजपरिवार एवं उसके राज्य की रक्षा की तथा उन्हें संकट से उबारा | इससे खुश होकर राजमाता चिक्कादेवारासम्मान्नी ने अपनी पुत्री देवाजम्मन्नी का विवाह बड़े भाई विजय से कर दिया और 11 मई 1399 को विजय का मैसूर की राजगद्दी पर राज्याभिषेक हुआ | इसतरह वह मैसूर प्रांत का प्रथम यदुवंशी राजा बना और अपना नाम यदुराय रखा लिया | इसप्रकार यदुराय ने 1399 में मैसूर में वाडियर राजवंश का स्थापना किया | उसने 1423 ई० तक मैसूर प्रांत पर राज्य किया | यदुराय से लेकर जयचामराजा वाडियर तक इस राजवंश में कुल 25 शासक हुए |
विद्वान इतिहासकार प्रोफ़ेसर पी. वी. नन्जराजे उर्स के अनुसार यदुराय एवं कृष्णराय द्वारका से नहीं आये थे, परन्तु वे विजयनगर अथवा मैसूर प्रान्त के ही किसी क्षेत्र से आये थे | उनकी वीरता के कहानी जानकर चिक्कादेवारासम्मान्नी ने ही उन्हें अपने राजमहल में मरानायक के वध के लिए बुलाई थी |
प्रारम्भ में मैसूर राज्य के शासक विजयनगर साम्राज्य के अधीन एक सामंत की हैसियत रखते थे | 1399 ई० से लेकर 1565 ई० तक वे विजयनगर साम्राज्य के अधीन जागीरदार थे | 1565 ई० में तालीकोटा के युद्ध में विजयनगर की हार एवं विजयनगर साम्राज्य के विघटन के बाद मैसूर के तत्कालीन महाराजा तिम्माराजा वोडेयर II ने अपने को स्वतन्त्र राजा घोषित कर दिया | राजा वोडेयर1 इसा वंश एक अत्यंत प्रतापी एवं कुशल राजा था, उसने   1578 से 1617 तक इस प्रान्त पर राज्य किया | उसने विजयनगर के वायसराय तिरुमल को हराकर उसकी राजधानी श्रीरंगपट्टनम पर अधिकार कर लिया तथा 1610 ई० में उसने अपनी राजधानी मैसूर से श्रीरंगपट्टनम में स्थानान्तरित कर दिया था, जो कावेरी नदी के तट पर स्थित एक विरल टापू था एवं सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अद्वितीय था | 1565 से 1761 तक इस वंश के शासक स्वतन्त्र शासक रहे, परन्तु 1761 से 1799 के बीच राज्यसत्ता उनके कमांडर इन चीफ हैदर अली एवं उसके पुत्र टीपू सुल्तान के हाथों में चली गई थी | इस दौरान वे इनके कठपुतली राजा बनकर रह गए थे | 1799 में ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ लड़ाई में टीपू सुल्तान की मौत के बाद इस राज्य की प्रभु सत्ता ब्रिटिश के हाथों में चली गई |  ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1799 ई० में अंतिम राजा के पञ्च वर्षीय पुत्र कृष्णराजा III को इस राज्य का महाराजा घोषित किया तथा इस राज्य की राजधानी श्रीरंगपट्टनम से पुनः मैसूर कर दिया गया | मैसूर के महाराज ने अंग्रेजों को वार्षिक कर देना स्वीकार किया | 1799 से 1950 तक वाडियर शासक ब्रिटिश शासन के अधीन थे | 1947 में बिटिश शासन से भारत देश की मुक्ति पर मैसूर रियासत को भारत संघ में सम्मिलित कर दिया गया, परन्तु भारत के गणतंत्र घोषित होने के पूर्व तक वह मैसूर के महाराजा बने रहे | जयचामराजा वाडियर इस वंश के अंतिम शासक थे, जिसने 1940 से 1950 तक इस रियासत पर शासन किया |
1868 में ब्रिटिश संसद ने तत्कालीन मैसूर के महाराजा के अनुरोध को स्वीकार करते हुए उसके दत्तक पुत्र चामराजा वाडियर IX को मैसूर का महाराजा स्वीकार कर लिया | यह घटना वर्तमान मैसूर के निर्माण में महत्वपूर्ण चरण साबित हुआ | भारत में पहली बार, मैसूर महाराज द्वारा एक प्रतिनिधि सभा का गठन कर प्रजातांत्रिक राज्य का प्रयोग किया गया | अगले महाराजा नाल्वादी कृष्णराजा वाडियर जनता के बीच अत्यंत ही लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध थे | लोग उन्हें प्यार से राजर्षि कहा करते थे | महात्मा गाँधी ने उनके राज्य की तुलना एतिहासिक राजा भगवान राम से की थी तथा उनके राज को राम-राज्य कहा था |
वाडियर राजपरिवार के सदस्य उरसु जाति के नाम से जाने जाते हैं और उर्स सरनेम का प्रयोग करते हैं | कर्णाटक के सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री देवराज उर्स इसी राजपरिवार से सम्बंधित थे | प्रत्येक वर्ष मैसूर राजमहल में दशहरा बड़े धूमधाम से मनाया जाता है |
http://upload.wikimedia.org/wikipedia/commons/d/dd/Gold_pagoda_of_Krishnaraja_Wodeyar.jpg
कृष्णराजा वाडियर III (1799-1868) का स्वर्ण सिक्का, जिसके एक ओर शिवजी की मूर्ति चित्रित है जिसमे शिवजी एक हाथ में त्रिशूल एवं दूसरी हाथ में एक हिरण को लिए हुए है और उनकी धर्मपत्नी पार्वती उनके गोद में बैठी हुई है, जबकि दूसरी ओर श्री कृष्णराजा लिखा हुआ है |
(1399-present)

(1399-1565)

(1399–1423)
(1423–1459)
(1459–1478)
(1478–1513)
(1513–1553)
Independent Wodeyar Kings
(1565-1761)

(1553–1572)
(1572–1576)
Bettada Wodeyar
(1576–1578)
(1578–1617)
(1617–1637)
(1637–1638)
(1638–1659)
(1659–1673)
(1673–1704)
(1704–1714)
(1714–1732)
(1732–1734)
(1734–1766)
Under Haider Ali and Tipu Sultan
(1761-1799)

(1734–1766)
(1766–1772)
(1772–1776)
(1776–1796)
Under British Rule
(1799-1950)

(1799–1868)
(1881–1894)
(1894–1940)
(1940–1950)
(Monarchy abolished)
Titular monarchy (1950-present)

(1950-1974)
Srikanta Wodeyar
(1974-2013)
Kantharaja Urs Wodeyar
(2013-present)