सोमवार, 11 अगस्त 2014

Yadavas in Maharashtra - महाराष्ट्र में यादव

                         

                      महाराष्ट्र
      महाराष्ट्र राज्य की वर्तमान मराठी संस्कृति एवं सभ्यता के निर्माण एवं विकास में देवगिरि के यादव राजाओं का उल्लेखनीय योगदान है | मराठी भाषा को सर्वप्रथम देवगिरि के यादव राजाओं ने ही राजकीय संरक्षण दिया था | महाभारत काल में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र पर विदर्भ वंशी यादव राजाओं का शासन था | जिनके नाम पर इस क्षेत्र का नाम विदर्भ पड़ा था | भगवान श्री कृष्ण के ज्येष्ठ पटरानी रुक्मणि विदर्भ नरेश भीष्मक की पुत्री थी | रुक्मणि का भाई रुक्म, महाभारत के युद्ध में तटस्थ रहा था | अगस्त्य मुनि के पत्नी लोपामुद्रा विदर्भ राजकुमारी थी |

इतिहास
छठी सातवीं सदी में उत्तरी महाराष्ट्र पर यादवों के कलचुरी वंश का शासन था | इस वंश के प्रमुख शासक थे - कृष्णराजा (550 575 ई०), उसका पुत्र शंकरगण (575-600 ई०) और उसका पौत्र बुद्धराजा (600-625 ई०)| कृष्णराजा के बारे में जानकारी उसके द्वारा प्रचलित सिक्के और उसके पुत्र एवं पौत्र द्वारा उल्लेखित ताम्र पत्र से मिलती है |

राष्ट्रकूटों ने 736 ई. से 973 ई. तक महाराष्ट्र पर राज्य किया। दन्तिदुर्ग (735-756) ने चालुक्य साम्राज्य को पराजित कर लगभग 736 ई. में राष्ट्रकूट साम्राज्य की नींव डाली। उसने नासिक को अपनी राजधानी बनाया। इसके उपरान्त इन शासकों ने मान्यखेत, (आधुनिक मालखंड) को अपनी राजधानी बनाया। राष्ट्रकूट वंश भगवान कृष्ण के सेनापति सात्यिकी का वंश है | इस यदुवंश में अनेक महान राजा हुए हैं | अजंता व एलोरा की गुफाओं का निर्माण तथा मुंबई के निकट एलिफैन्टा की गुफा में विश्व विख्यात शिव की मूर्तियों का निर्माण इन्होंने ही कराया है |

      देवगिरि का यादव वंश भारतीय इतिहास में बहुत प्राचीन है और यह अपना सम्बन्ध प्राचीन यदुवंशी क्षत्रियों से मानता है। राष्टकूटों और चालुक्यों के उत्कर्ष काल में यादव वंश के राजा अधीनस्थ सामन्त राजाओं की स्थिति रखते थेलेकिन जब चालुक्यों की शक्ति क्षीण हुई तो वे स्वतंत्र हो गए और वर्त्तमान औरंगाबाद ज़िलामहाराष्ट्र राज्यमें स्थित देवगिरि (आधुनिक दौलताबादको केन्द्र बनाकर उन्होंने अपने उत्कर्ष का प्रारम्भ किया।

      सुबाहु के पुत्र द्रिधाप्रहर कल्याणी के चालुक्यों के सामंत थे| द्रिधाप्रहरा के पुत्र सुवनाचंद्र ने 850 ई० में यादव साम्राज्य के स्थापना किये थे देवगिरि के यादव वंश का राज्यकाल 850 ई० से 1334 ई० तक माना जाता है| इनका साम्राज्य इनके उत्कर्ष के समय तुंगभद्रा नदी से लेकर नर्मदा नदी तक विस्तृत था, जिसके अंतर्गत वर्तमान महाराष्ट्र, उत्तरी कर्णाटक तथा मध्यप्रदेश कुछ क्षेत्र आते थे| उनकी राजधानी देवगिरि (वर्तमान दौलताबाद) थी| वे मराठी भाषा के महान संरक्षक माने जाते हैं| सिंघन द्वितीय के समय यह राजवंश अपने उत्कर्ष पर था|
     महान मराठा नरेश शिवाजी की माता जीजाबाई, यादव राजकुमारी थी | जीजाबाई के पिता का नाम लघुजी यादव था | जीजाबाई ने शिवाजी के बचपन में ही रामायण महाभारत की कहानी सुनाकर उसमे देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भर दी थी | शिवाजी को महान योद्धा बनाने में उनके माता का महत्वपूर्ण योगदान था | धनजी यादव शिवाजी के प्रमुख सेनापतियों में से एक थे | खानदेश एवं सिंदखेड पर यादव सामंतों का शासन था |
गायकवाड़, गायकवार अथवा गायकवाड एक मराठा कुल है, जिसने 18 वीं सदी के मध्य से 1947 तक पश्चिमी भारत के वड़ोदरा या बड़ौदा रियासत पर राज्य किया था | गायकवाड़ यदुवंशी श्री कृष्ण के वंशज माने जाते हैं तथा यादव जाति से आते हैं | उनके वंश का नाम गायकवाड़ गाय और कवाड़ (दरवाजा) के मेल से बना है | बड़ौदा के गायकवाड़ राजवंश की स्थापना मराठा जनरल पिलाजी राव गायकवाड़ द्वारा 1721 ई०में मुग़ल साम्राज्य से यह शहर जीतकर किया गया था |

वर्तमान
वर्तमान समय में महाराष्ट्र में यादव समुदाय अलग-अलग गुटों में विभाजित है | यहाँ इन्हें यादव, जाधव, गायकवाड़, गवली, अहीर, भरवाड, धनगर, सोलासकर आदि के नाम से जाना जाता है |
देवगिरि के यादव राजाओं के वंशज जाधव के रूप में जाने जाते हैं | सल्तनत काल में राज्य सत्ता के ह्रास हो जाने पर देवगिरि के यादवों ने आत्म रक्षार्थ हेतु वनों में शरण ले लिए थे | लम्बे समय तक जंगल में रहने पर उनमें से कुछ ने आदिवासियों से विवाह सम्बन्ध भी स्थापित कर लिए थे | उनके संतानों ने भी अपने नाम के साथ जाधव उपनाम जोड़ना शुरू कर दिया | जिसके फलस्वरूप आज सिर्फ जाधव उपनाम के आधार पर यादवों एवं आदिवासियों में अंतर पहचानना मुश्किल हो गया है |
      सोलासकर प्राचीन क्षत्रिय यादव के वंशज हैं तथा मराठा कुल के अंतर्गत आते है | ये श्री कृष्ण एवं देवगिरि के यादवों के उत्तराधिकारी माने जाते हैं | ये सतारा जिले के सोलाशी गाँव के निवासी हैं | यह कोरेगाँव के उत्तर में अवस्थित है | सतारा की पहाड़ियों पर स्थित सोलह शिव मंदिरों की रक्षा के कारण इन्हें सोलासकर कहा गया है | इस गाँव के चारों ओर आज भी अनेक शिव मंदिर है | नरसिंहराव सोलासकर एवं जनराव सोलासकर इस समाज के गणमान्य व्यक्ति हैं |

    महाराष्ट्र में भेड़ पालने वाले यदुवंशियों को धनगर एवं भरवाड के नाम से जाना जाता है तथा गाय पालने वाले को अहीर एवं गवली के नाम से जाना जाता है |

जाधव, गायकवाड़, कलचुरी, राठौर (राष्ट्रकूट) एवं सोलासकर मराठा कुल के अंतर्गत आते हैं तथा सवर्ण जाति माने जाते हैं | यादव, अहीर एवं गवली अन्य पिछड़ी जाति के अंतर्गत आते है जबकि धनगर समुदाय के लोग खानाबदोश जनजाति के अंतर्गत आते हैं | धनगर समुदाय के लोग अपने आप को अनुसूचित जनजाति में शामिल करवाने के लिए आन्दोलन कर रहे हैं | राज्य सूची में अलग-अलग समूह में रखे जाने के कारण इनमें एकता का घोर अभाव है |
20 वीं शताब्दी के आरम्भ से महाराष्ट्र के यादव संगठित होने लगे थे | उन्होंने अनेक यादव संगठन बनाये, जिसमे कुछ के नाम इस प्रकार है महाराष्ट्र यादव समिति (1900), यदुवंशी अहीर सभा, बॉम्बे, महाराष्ट्र (1900) आदि | 1903 में महाराष्ट्र गवली अहीर महासभा के स्थापना की गई | दाभोल एवं गवली समुदाय के लोगों के मिलकर 1903 में यादव श्री कृष्ण प्रचारक मंडल की स्थापना की | इस संगठन के माध्यम से उन्होंने ने अनेक विद्यालय खोले तथा गरीब छात्रों के लिए छात्रवृति की भी व्यवस्था की | 1920 में इनलोगों ने यादव गोपाल मंडल, मुंबई की स्थापना की | महाराष्ट्र में यादवों में एकता का संचार करने तथा उनके उन्नयन के लिए श्री विट्ठल कृष्ण जी खेडकर ने सराहनीय कार्य किये | मुंबई के विद्यालय शिक्षक श्री विट्ठल कृष्ण जी खेडकर ने उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में यादव इतिहास लिखने का प्रथम सम्यक प्रयास किया | वह बाद में भावनगर, सौराष्ट्र के  महाराजा भगत सिंह के निजी सचिव बने | खेडकर के अधूरे कार्य को उनके सर्जन पुत्र रघुनाथ विट्ठल खेडकर ने पूर्ण किया| उन्होंने उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक को divine हेरिटेज ऑफ़ यादवके नाम से प्रकाशित किया| उनके इस कार्य एवं सोच को विद्वान् एवं इतिहासकार श्री के. सी. यादव तथा जे. एन. सिंह यादव ने आगे बढाया| श्री रघुनाथ विट्ठल खेडकर अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के संस्थापक सदस्य थे | वह 1925 में इस महासभा के अध्यक्ष बने | 1926 में श्री रघुनाथ विट्ठल खेडकर जी का देहांत हो गया | यादव संगठन के निर्माण में इनके अतिरिक्त परशुराम खोखर, गंजा एम्. घटवाल, एस. एच. गवली, बी. टी. पवार, सी. एच. रटके, एम्. के. कोटकर, राव बहादुर, डॉ. एस. एस. घोले, बिहारी शंकर दलिया, शेरू प्रसाद काश्यप आदि का महत्वपूर्ण योगदान है |
श्री अन्ना हजारे इंडिया अगेंस्ट करप्शनके माध्यम से एक दशक से महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़े हुए हैं | जन लोकपाल की लिए दिल्ली में किया गया उनका आन्दोलन सुर्खियाँ बटोर चूका है | वह पुरे देश में जन लोकपाल के लिए रैली कर रहे हैं | महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित यादव बाबा मंदिर ही उनका निवास स्थल है |

प्रमुख यादव विभूति -
1.      श्री विट्ठल कृष्ण जी खेडकर- विद्यालय शिक्षक एवं सामाजिक कार्यकर्ता
2.      श्री रघुनाथ विट्ठल खेडकर - श्री विट्ठल कृष्ण जी खेडकर के पुत्र, डाक्टर एवं लेखक
3.      के. डी. जाधव प्रथम व्यक्तिगत ओलम्पिक पदक (कुश्ती) विजेता
4.      सुरेखा यादव प्रथम भारतीय महिला रेल चालक
5.      अन्ना हजारे भ्रष्टाचार के खिलाफ अग्रणी सामाजिक कार्यकर्ता
6.      हंसराज गंगाराम अहीर चंद्रपुर से भाजपा के सांसद, केन्द्रीय रसायन एवं खाद्य राज्यमंत्री एवं प्रखर वक्ता
        महाराष्‍ट्र के चंद्रपुर के वर्तमान सांसद हंसराज अहीर का जन्‍म 11 नवंबर 1954 को नंदेड़ (महाराष्‍ट्र) में हुआ था। हंसराज ने महाराष्‍ट्र के चंद्रपुर से सीनियर सेकेंडरी की शिक्षा प्राप्‍त की है। अहीर भारतीय जनता पार्टी की राष्‍ट्रीय कार्यकरणी के सदस्‍य हैं। 1994 में पहली बार वे महाराष्‍ट्र की विधानसभा के सदस्‍य चुने गए। 1996 में वे लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए। 2004 में दूसरी बार वे लोकसभा सदस्‍य के रूप में चुने गए। इस कार्यकाल में 2004 के बाद से वे कोयला एवं स्‍टील और कृषि समिति के सदस्‍य रहे। 2009 में वे तीसरी बार लोकसभा में चुने गए। 31 अगस्‍त 2009 को उन्‍हें कोयला एवं स्‍टील समिति का सदस्‍य बनाया गया। 15 मार्च 2010 को उन्‍हें लोक संमति समिति का सदस्‍य बनाया गया। राजनीति के अलावा हंसराज योग तथा रक्‍तदान को प्रोत्‍साहन देने वाली संस्‍थाओं से जुड़े हुए हैं। 2014 में वह पुनः चंद्रपुर लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर विजयी रहे | वर्तमान में वह मोदी सरकार में रसायन एवं खाद्य राज्यमंत्री है |
7.      भावना पुन्दिक राव गवली (पाटिल) – यवतमाल वासिम से सांसद, शिवसेना
8. बाबुराव दत्तारय यादव लोनिकर – पार्तुर विधानसभा से बीजेपी विधायक
9.      सचिन मोहन अहीर वर्ली से एनसीपी के पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री
10.  अरुण गवली पूर्व निर्दलीय विधायक
11.  भास्कर बाबुराव जाधव गुहानगर से पूर्व एनसीपी विधायक, महाराष्ट्र एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री
12.  अशोक भाऊ जाधव अँधेरी (प०) से कांग्रेस के पूर्व विधायक
13.  संजय हरी भाऊ जाधव परभानी से शिवसेनाके पूर्व विधायक
14.  हर्षवर्धन रेभन जाधव कन्नड से शिवसेना के विधायक, इसके पूर्व वह मनसे के विधायक थे
15.  श्रधा जाधव मुंबई की पूर्व मेयर
16.  उमेश यादव भारतीय क्रिकेट टीम का मुख्य गेंदबाज 
17.  केदार जाधव क्रिकेटर
18.  धीरज जाधव क्रिकेटर
19.  सूर्य कुमार यादव क्रिकेट जगत में उभरता हुआ सितारा
20.  संदीप यादव कुश्ती खिलाड़ी
21.  आदित्य पंचोली अभिनेता
22.  आनंद यादव मराठी साहित्यकार






14 टिप्‍पणियां:

  1. एक रोचक जानकारी के लिये धन्यबाद ।

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  2. very nice information... i am yadav vanshi maratha Gavali from Maharashtra... i like your research..helpful information to know the history for our Maharashtrian Gavali

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  3. बहुत सुंदर जानकारी यदुवंश की
    विनय यादव

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  4. पूरा भारत में है यादव के इतिहास।

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  5. Bhut ache bat ha hamare liya hma apne yadav samaj par garv ha itna purana itihas ha Yadav samaj ka

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