सोमवार, 11 अगस्त 2014

Yadavas in Jharkhand - झारखण्ड में यादव

झारखण्ड

झारखण्ड

झारखण्ड में यादवों का इतिहास और बर्तमान:-
         झारखण्ड राज्य का गठन 15 नवम्बर 2000 को बिहार प्रान्त से पठारी तथा जंगली क्षेत्रों को अलग कर किया गया | अतः झारखण्ड राज्य का प्राचीन इतिहास भी मुख्य रूप से बिहार के साथ जुड़ा हुआ है | यह प्राचीन काल में मगध साम्राज्य का अंग था तथा तत्कालीन यादव साम्राज्यनन्द वंश, मौर्य वंश, गुप्त वंश, पाल वंश आदि के अधीन रहा है ! चतरा जिले के इटखोरी गाँव में उत्खनन के दौरान गुप्त वंश एवं पाल वंश के अवशेष पाए गए हैं. यहाँ स्थित भद्रकाली मंदिर 9 वीं शताब्दी का है. धनबाद जिले के गोपालपुर गाँव में सम्राट अशोक द्वारा निर्मित स्तम्भ तथा उनकी पत्थर की मूर्ति पाई गयी है. पलामू जिले के बेतला गाँव में चंद्रवंशी चेरो शासकों द्वारा 16 वीं सदी में बनाये गए उनके किलों का भग्नावशेष अवस्थित है.
                        किदवंती है की झारखण्ड में यादवों का आगमन उत्तर भारत खासकर बिहार एवं उत्तरप्रदेश से हुआ हैयहाँ यादवों के आबादी बिहार और उत्तरप्रदेश से सटे जिलों में अधिक हैझारखण्ड के कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग, गोड्डा, साहेबगंज, जामतारा, धनबाद, चतरा तथा पलामू  जिलों में यादवों की आबादी अधिक हैयहाँ यादवों की जनसंख्या झारखण्ड की कुल जनसंख्या के लगभग 10% है. इस प्रदेश में इनका उपाधि (सरनेम ) - यादव, गोप, महतो, राउत आदि हैइनका मुख्य व्यवसाय कृषि, पशुपालन और दुग्ध विक्रय है. 90 दशक के पूर्व शेरे बिहार माननीय रामलखन सिंह यादव ने अखिल भारतीय यादव महासभा के माध्यम से इस क्षेत्र के लोगों में राजनैतिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक जागरूकता लाने का काम किया. बिहार के राजनैतिक क्षितिज में श्री लालू प्रसाद के उदय ने इस क्षेत्र के यादवों की राजनैतिक दशा और दिशा बदल दी. उन्हें अपने खोये हुए राजनैतिक गरिमा एवं ताकत का एहसास हुआ. झारखण्ड के कोडरमा एवं गोड्डा लोकसभा क्षेत्र यादव बहुल क्षेत्र है. इस राज्य के कोडरमा, बरही, बरकठा, धनवार, बगोदर, गोड्डा, पोरैयाहट, देवघर, नाला, जरमुंडी, साहेबगंज, पांकी, हुसैनाबाद, चतरा और सिमरिया यादव बहुल विधानसभा क्षेत्र है, जहाँ यादव मतदाताओं के संख्या 25-30% है. इसके अलावा जमुआ, गंiडे, झरिया, धनबाद, हजारीबाग, दुमका, डाल्टेनगंज, छतरपुर, लातेहार, जामतारा आदि विधानसभा क्षेत्रों में भी यादव मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है. स्व. जगदम्बी प्रसाद यादव प्रथम बार 1977 में जनता पार्टी से गोड्डा लोकसभा क्षेत्र के सांसद चुने गए तथा श्री मोरार जी देसाई सरकार (1977-1979) में मंत्री रहे. इन्होंने 1996, 1998, एवं 1999 में भाजपा के टिकट पर गोड्डा लोकसभा चुनाव जीता. 2002 में इनके निधन पर श्री प्रदीप यादव ने गोड्डा लोकसभा उप चुनाव जीता. सन 1989 लोकसभा चुनाव में श्री जनार्दन यादव भाजपा से गोड्डा सांसद बने. श्री सुकदेव यादव 1977 में जनता पार्टी से बरकट्ठा विधायक बने थे.

         सामाजिक, राजनैतिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करने वाले प्रमुख यदुवंशियों का संक्षिप्त विवरण -

() राजनीति
1. श्री प्रदीप यादवगोड्डा जिले के पौरयाहट विधानसभा क्षेत्र से झारखण्ड विकास मोर्चा के विधायक एवं वर्त्तमान में झारखण्ड विकास मोर्चा के विधायक दल के नेता. 2014 में पौरेयाहाट विधानसभा से पुनः विजयी हुए 
2. श्रीमती अन्नपूर्णा देवी— राजद विधायक दल के पूर्व नेत्री एवं कोडरमा की भूतपूर्व विधायक | 2000, 2005, 2009 में कोडरमा विधानसभा से चुनाव जीती, परन्तु 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में वह भाजपा के डॉ. नीरा यादव से पराजित हो गई| इनके पति स्वर्गीय रमेशप्रसाद यादव 1990 एवं 1995 में कोडरमा से विधानसभा चुनाव जीते थे तथा श्री मति राबरी देवी मंत्रिमंडल में मंत्री बने थे | श्रीमती अन्नपूर्णा देवी, हेमंत सोरेन सरकार में महिला एवं बाल कल्याण विभाग की कैबिनेट मंत्री बनी थी
3. श्री मनोज यादव— विधायक एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता. इन्होंने 1995, 2000 और 2005 में बरही विधानसभा (हजारीबाग जिलाचुनाव जीता | इन्होने कांग्रेस विधायक दल के नेता पद को भी सुशोभित किया है | यह यह अखिल भारतीय यादव महासभा के झारखण्ड इकाई के अध्यक्ष हैं | वे 2009 में भाजपा के श्री उमाशंकर अकेला (यादव) से बरही विधानसभा चुनाव में हार गए थे, परन्तु 2014 के विधानसभा में पुनः विजयी हुए 


4. श्री संजय प्रसाद यादव— गोड्डा विधानसभा से 2000 में एवं 2009 में राजद के टिकट पर विधायक चुने गए थे | 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में पराजित हो गए |


5. श्री संजय सिंह यादव— हुसैनाबाद (पलामू जिलासे दो बार राजद के टिकट पर विधायक बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में पराजित हो गए |
6. श्री उमाशंकर अकेला  बरही विधानसभा से 2009 में वरिष्ठ कांग्रसी नेता मनोज यादव को हराकर भाजपा के विधायक बने | 2014 के विधानसभा चुनाव में श्री मनोज यादव से पराजित हो गए |
7. श्री अमित कुमार यादव  बरकट्ठा विधानसभा से 2009 में भाजपा विधायक बने | इनके पिता चितरंजन यादव 2005 विधान सभा चुनाव में भाजपा से बरकट्ठा विधायक बने थे.
8. श्री बिशेश्वर खान  लगातार 8 बार (1952-1990) नाला (जामतारा जिला) विधानसभा से सी.पी. आई. के टिकट पर विधायक बने. 1995 में ये चुनाव हार गए, परन्तु 2000 में फिर नाला के विधायक बने. 15 नवम्बर 2000 को अलग झारखण्ड राज्य के गठन होने पर सबसे वरिष्ठ विधायक होने के कारण इन्हें झारखण्ड विधान सभा का प्रोटेम स्पीकर बनाया गया. अधिक उम्र के कारण इन्होने सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया.
9. श्रीमती आबो देवी  1995 एवं 2000 में झरिया विधानसभा से (जनता दल एवं राजद के टिकट पर)  विधायक बनी तथा 2000 में श्री मति राबरी देवी मंत्रिमंडल में मंत्री बनी.
10. श्री गुरसहाय महतो  1995 में जनता दल के टिकट पर धनवार (गिरिडीह जिला) के विधायक बने.
11. श्री राजकुमार यादव  धनवार विधानसभा क्षेत्र एवं गिरिडीह जिला के कद्दावर सी.पी. आई. (माले) नेता | एक लम्बे राजनैतिक संघर्ष के बाद 2014 के विधानसभा चुनाव में श्री बाबूलाल मरांडी को हराकर धनवार विधानसभा से विधायक बने |
12. श्री जानकी प्रसाद यादव - 2014 विधानसभा चुनाव में झाविमो से बरकठा विधानसभा (हजारीबाग जिला) से विधायक चुने गए | इन्होने निवर्तमान बीजेपी विधायक और अपने भतीजे अमित यादव को पराजित किया | फरवरी 2015 में वह दल-बदलकर भाजपा में शामिल हो गए | 
13. डॉ. नीरा यादव - 2014 विधानसभा चुनाव में वरिष्ठ राजद नेत्री श्रीमती अन्नपूर्णा देवी को हराकर कोडरमा से भाजपा विधायक बनी | यह जे. जे. कॉलेज, झुमरी तिलैया में प्रोफेसर भी हैं | वर्त्तमान में रघुवर दास के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाई गई है |
 

14. श्री रवीन्द्र नाथ महतो - श्री महतो 2005 एवं 2014 में झामुमो के टिकट पर नाला विधानसभा (जामतारा जिला) से विधायक चुने गए |
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(ख) शिक्षा
1. श्री शालिग्राम यादव 14 दिसंबर 2012 को उन्हें इंटरनेशनल फ्रेंडशिप सोसाइटी द्वारा राष्ट्रीय गौरव अवार्डसे सम्मानित किया गया. उन्हें यह सम्मान तमिलनाडु और असम के भूतपूर्व राज्यपाल डॉ भीष्म नारायण सिंह, राजस्थान के शिक्षा मंत्री श्री भंवरलाल मेघवाल तथा झारखण्ड विधानसभा के स्पीकर श्री सी. पी. सिंह के कर कमलों से शिक्षा के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया. यह अवार्ड पाने वाले वह अकेले झारखंडी हैं. वह झारखण्ड अकादमिक कौंसिल के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
(ग) चिकित्सा
1. डॉ तुलसी महतो (यादव) रिम्स (राजेंद्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल) रांची के निदेशक.
2. डॉ एस. एन. यादव प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ, रांची.
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(घ) खेल
1. अजय यादव गोड्डा निवासी अजय यादव बर्तमान झारखण्ड रणजी क्रिकेट टीम का सदस्य है. उनहोंने अपने धारदार तेज गेंदबाजी के बदौलत कई बार अपनी टीम को जीत दिलाई है. एक गरीब परिवार से निकलकर झारखण्ड रणजी क्रिकेट टीम का हिस्सा बनने के उनके संघर्षपूर्ण कहानी सैकड़ो नवोदित खिलाडियों के लिए प्रेरणास्रोत है .
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(ङ) संगीत
1. अरुण देव यादव साहेबगंज के रहने वाले अरुण देव यादव ने जून 2012 में पटना में आयोजित सिंगिंग सो सुरों का महासंग्राममें विजेता बनने का गौरव हासिल किया.  

2014 विधानसभा चुनाव में निर्वाचित यादव विधायक 
1. श्री प्रदीप यादव- पौरेयाहाट विधानसभा, गोड्डा जिला, झाविमो 
2. श्री जानकी प्रसाद यादव - बरकठा विधानसभा, हजारीबाग जिला, झाविमो 
3. श्री मनोज कुमार यादव - बरही विधानसभा, हजारीबाग जिला, कांग्रेस 
4. डॉ. नीरा यादव - कोडरमा विधानसभा, कोडरमा जिला, भाजपा 
5. श्री राजकुमार यादव - धनवार विधानसभा, गिरिडीह जिला, भाकपा (माले)
6. श्री रविंद्रनाथ महतो - नाला विधानसभा, जामतारा जिला, झामुमो 

3 टिप्‍पणियां:

  1. यादव समाज को संगठित करने के लिए समाज के प्रबुद्ध वर्ग को आगे आना चाहिए। साथ ही यादव समाज के जितना भी सांसद, विधायक,जिस तरह का भी जनप्रतिनिधि या जो भी राजनीतिक, समाजिक सूझबूझ रखते हैं उन्हें समाज को गोलबन्द करने के लिए अग्रणी भूमिका में होना चाहिए।

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